Night Story for Kids in Hindi

Night Story for Kids in Hindi:-हमारे देश में पुराने जमाने से बच्चो को कथा कहानी सुनाने की प्रथा चली आ रही है।क्योंकि बच्चो के जीवन को सरल और उनको अच्छे संस्कार प्रदान करती है।

Night Story for Kids in Hindi

तारों भरी रात की कहानी

शीर्षक: चाँद का दोस्त

एक बार की बात है, छोटे से गाँव में रहने वाला एक बच्चा, रोहन, रात को सोने से पहले आकाश को देखना बहुत पसंद करता था। उसकी खिड़की से चाँद और तारे साफ़ दिखाई देते थे। उसे हमेशा लगता कि चाँद उससे बातें कर रहा है।

एक रात, जब सब सो रहे थे, रोहन ने देखा कि चाँद धीरे-धीरे बड़ा हो रहा है और उसकी खिड़की के पास आ गया। उसने हैरानी से पूछा, “चाँद मामा, आप यहाँ कैसे?”

चाँद मुस्कुराया और बोला, “मैंने देखा कि तुम मुझे हर रात देखते हो। तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो, इसलिए आज मैं तुमसे मिलने आया हूँ।”

रोहन खुश हो गया और चाँद से पूछा, “आप इतने चमकदार क्यों हैं?”
चाँद ने कहा, “मेरा काम है अंधेरी रातों को रोशन करना। लेकिन मेरी चमक सूरज से आती है। सूरज मुझे अपनी रोशनी उधार देता है।”

रोहन ने फिर पूछा, “और ये तारे कौन हैं?”
चाँद ने कहा, “ये मेरे साथी हैं। जब मैं थक जाता हूँ, तो ये मेरी मदद करते हैं, ताकि रात खूबसूरत लगे।”

चाँद और रोहन ने घंटों बातें कीं। चाँद ने उसे बताया कि हर रात वो पूरी दुनिया घूमता है और बच्चों की कहानियाँ सुनता है।

जब सुबह होने लगी, तो चाँद ने कहा, “अब मुझे जाना होगा, क्योंकि सूरज आ रहा है। लेकिन मैं हर रात तुम्हारे पास रहूँगा।”

रोहन मुस्कुराया और कहा, “धन्यवाद, चाँद मामा। आप मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा सपना हो।”

उस रात के बाद, रोहन हर रात सोने से पहले चाँद को देखकर मुस्कुराता और कहता, “शुभ रात्रि, चाँद मामा।”

Night Story for Kids in Hindi:-Interesting stories for children

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चमकते तारे की कहानी

शीर्षक: टिमटिम तारे का सपना

एक बार की बात है, आसमान में रहने वाला एक छोटा-सा तारा था। उसका नाम था “टिम्मी।” टिम्मी हमेशा सोचता था कि वह सबसे अलग चमके। वह रात भर आसमान में चमकने की कोशिश करता, लेकिन बड़े-बड़े तारे उसकी चमक को ढक देते थे।

एक रात, जब चाँद अपनी यात्रा पर था, टिम्मी ने चाँद से पूछा, “चाँद मामा, मैं बाकी तारों से अलग कैसे चमक सकता हूँ?”

चाँद ने मुस्कुराते हुए कहा, “हर तारा अपनी जगह पर खास होता है। लेकिन अगर तुम धरती की मदद करना चाहते हो, तो लोग तुम्हें हमेशा याद रखेंगे।”

टिम्मी को यह सुनकर बहुत अच्छा लगा। उसने पूछा, “धरती की मदद कैसे करूँ?”
चाँद ने कहा, “धरती पर बच्चे कभी-कभी खो जाते हैं। अगर तुम एक दिशा दिखाने वाला तारा बन जाओ, तो लोग तुम्हें हमेशा पहचानेंगे।”

टिम्मी ने ठान लिया कि वह अपनी चमक से एक दिशा दिखाने वाला तारा बनेगा। उसने हर रात अपनी जगह से चमकना शुरू किया। धीरे-धीरे, नाविक और यात्री उसे देखकर अपना रास्ता पहचानने लगे।

एक दिन, एक बच्चा जंगल में खो गया। वह रोते-रोते आसमान की तरफ देखने लगा। उसने टिम्मी को चमकते हुए देखा और उसके पास एक पेड़ के नीचे रास्ता मिल गया। बच्चा खुशी से अपने गाँव लौट आया।

अब टिम्मी को हर रात देखने वाले बच्चे उसे “टिमटिम तारा” कहने लगे। वह सबसे अलग और खास बन गया, क्योंकि उसने अपनी चमक का इस्तेमाल दूसरों की मदद के लिए किया।


रात का जादुई सफर

शीर्षक: चाँद और परी

एक बार की बात है, एक गाँव में परी नाम की एक छोटी बच्ची रहती थी। वह रात को सोने से पहले हमेशा आकाश को देखती और सोचती, “काश मैं चाँद के पास जा सकती!”

एक रात, जब सब सो रहे थे, परी ने खिड़की से बाहर झाँका। उसने देखा कि एक सुनहरी सीढ़ी आसमान से उसकी खिड़की तक आ रही है। परी हैरान हो गई। तभी उसने एक नरम आवाज सुनी, “परी, क्या तुम चाँद पर आना चाहोगी?”

परी ने चारों तरफ देखा, पर कोई नहीं था। उसने डरते-डरते पूछा, “तुम कौन हो?”
आवाज आई, “मैं चाँद हूँ। मैंने सुना है कि तुम हर रात मुझे देखती हो। क्या तुम मेरे पास आना चाहोगी?”

परी खुशी से उछल पड़ी और बोली, “हाँ! मैं जरूर आऊँगी।”
वह सीढ़ी पर चढ़ने लगी। जैसे-जैसे वह ऊपर गई, आसमान में तारे झिलमिलाने लगे और हवाएँ गुनगुनाने लगीं।

जब वह चाँद के पास पहुँची, तो उसने देखा कि चाँद का पूरा महल रोशनी से भरा हुआ था। वहाँ छोटे-छोटे तारों के बच्चे खेल रहे थे। चाँद ने परी से कहा, “तुम्हें यहाँ लाने का कारण है। हर रात हम तारों के साथ धरती पर सोए हुए बच्चों के सपनों को सजाते हैं। क्या तुम हमारी मदद करोगी?”

परी ने खुशी-खुशी कहा, “हाँ, जरूर!”
चाँद ने उसे एक जादुई छड़ी दी और कहा, “इससे सपनों में रंग भर सकते हो। चलो, बच्चों के सपनों को खूबसूरत बनाते हैं।”

उस रात, परी ने कई बच्चों के सपनों में परियों के महल, जादुई बगीचे, और खिलौनों से भरी दुनिया बना दी। सभी बच्चे मुस्कुराते हुए सो रहे थे।

जब सुबह हुई, तो परी वापस अपने बिस्तर पर थी। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह चाँद पर गई थी। लेकिन उसकी खिड़की पर एक छोटा सा तारा चमक रहा था, जैसे चाँद ने उसे धन्यवाद कहने के लिए भेजा हो।


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