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देखा है मेरी नजरों ने
एक रंग छलकते पैमाने का,
यूँ खुलती है आंख किसी की
जैसे खुले दर मैखाने का।
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तेरी आँखों के जादू से
तू ख़ुद नहीं है वाकिफ़
ये उसे भी जीना सिखा देती हैं
जिसे मरने का शौक़ हो।
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आँखों में हया हो तो
पर्दा दिल का ही काफी है,
नहीं तो नक़ाब से भी होते हैं,
इशारे मोहब्बत के।
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मैं खुदगर्ज़ हूँ इतना कि बस यही चाहूँ,
रहें हमेशा मेरी मुन्तज़िर तेरी आँखें।
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कोई आँख जैसे कोहरे में दबी-दबी सी चमके,
तेरी झिलमिलाती आँखों में अजीब सा शमा है।
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क्या कशिश थी उस की आँखों में मत पूछो.
मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये?
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आपने नज़र से नज़र जब मिला दी,
हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी,
जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके,
पर आँखों ने दिल की कहानी सुना दी।
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नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,
हम घबरा कर आँखें झुका लेते हैं,
कौन मिलाये उन आँखों से आँखें,
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं।
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तमाम अल्फाज़ नाकाफी लगे मुझको,
एक तेरी आँखों को बयां करने में।
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पैगाम लिया है कभी पैगाम दिया है,
आँखों ने मोहब्बत में बड़ा काम किया है।
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मुझ से कहती थीं वो शराब आँखें,
आप वो ज़हर मत पिया कीजिये।
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ख़ुदा बचाए तेरी मस्त-मस्त आँखों से,
फ़रिश्ता हो तो बहक जाए आदमी क्या है।
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जो उनकी आँखों से बयां होते हैं,
वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते हैं।
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मुस्कुरा के देखा तो कलेजे में चुभ गयी,
खँजर से भी तेज़ लगती हैं आँखें जनाब की।
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होता है राजे-इश्को-मुहब्बत इन्हीं से फाश,
आँखें जुबाँ नहीं है मगर बेजुबाँ नहीं।
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कोई दीवाना दौड़ के लिपट न जाये कहीं,
आँखों में आँखें डालकर देखा न कीजिए।
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सौ तीर जमाने के इक तीरे नजर तेरा,
अब क्या कोई समझेगा दिल किसका निशाना है?
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मिली जब भी नजर उनसे, धड़कता है हमारा दिल,
पुकारे वो उधर हमको, इधर दम क्यों निकलता है।
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वह नजर उठ गई जब सरे मैकदा,
खुद-ब-खुद जाम से जाम टकरा गये।
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शामिल है इसमें तेरी नजर के सरूर भी,
पीने न दूँगा गैर को मैं अपने जाम से।
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बस इक लतीफ तबस्सुम बस इक हसीन नजर,
मरीजे-गम की हालत सुधर तो सकती है।
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नजर जिसकी तरफ करके निगाहें फेर लेते हो,
कयामत तक उस दिल की परेशानी नहीं जाती।
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उतर चुकी है मेरी रूह में किसी की निगाह,
तड़प रही है मेरी ज़िंदगी किसी के लिए।
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मैं उम्र भर जिनका न कोई दे सका जवाब,
वह इक नजर में, इतने सवालात कर गये।
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निगाहे-लुत्फ से इक बार मुझको देख लेते है,
मुझे बेचैन करना जब उन्हें मंजूर होता है।
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कुछ नहीं कहती निगाहें मगर,
बात पहुँची है कहाँ से कहाँ।
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सौ सौ उम्मीदें बंधती है, इक-इक निगाह पर,
मुझको न ऐसे प्यार से देखा करे कोई।
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क्या पूछते हो शोख निगाहों का माजरा,
दो तीर थे जो मेरे जिगर में उतर गये।
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तेरी निगाह से ऐसी शराब पी मैंने,
फिर न होश का दावा किया कभी मैंने,
वो और होंगे जिन्हें मौत आ गई होगी,
निगाह-ए-यार से पाई है जिन्दगी मैंने।
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फिर न कीजे मेरी गुस्ताख निगाहों का गिला,
देखिये आपने फिर प्यार से देखा मुझको।
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मेरी आँखों में झाँकने से पहले,
जरा सोच लीजिये ऐ हुजूर…
जो हमने पलके झुका ली तो कयामत होगी,
और हमने नजरें मिला ली तो मुहब्बत होगी।
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महफिल अजीब है, ना ये मंजर अजीब है,
जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है,
ना डूबने देता है, ना उबरने देता है,
उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है।
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तुम्हीं कहते थे कि यह मसले
नजर मिलने से सुलझेंगे,
नजर की बात है तो फिर
यह लब खामोश रहने दो। 🤫👁️
उस घड़ी देखो उनका आलम
नींद से जब हों बोझल आँखें,
कौन मेरी नजर में समाये
देखी हैं मैंने तुम्हारी आँखें। 🕰️💤👁️
उस की आँखों में नज़र आता था
सारा जहाँ मुझ को,
अफ़सोस उन आँखों में कभी
खुद को नहीं देखा मैंने। 🌍😔
ऐ वाइज़-ए-नादाँ करता है
तू एक क़यामत का चर्चा,
यहाँ रोज़ निगाहें मिलती हैं
यहाँ रोज़ क़यामत होती है। 😇🔥
इतने सवाल थे मेरे पास कि
मेरी उम्र से न सिमट सके,
जितने जवाब थे तेरे पास सभी
तेरी एक निगाह में आ गए। 🕵️♂️👁️
यह मुस्कुराती हुई आँखें
जिनमें रक्स करती है बहार,
शफक की, गुल की,
बिजलियों की शोखियाँ लिये हुए। 😊🌟
जब भी देखूं तो नज़रें चुरा लेती है वो,
मैंने कागज़ पर भी बना के देखी हैं आँखें उसकी। ✏️👀
क्या कहें, क्या क्या किया, तेरी निगाहों ने सुलूक,
दिल में आईं दिल में ठहरीं दिल में पैकाँ हो गईं। 😳👁️
तेरी आँखों की तौहीन नहीं तो और क्या है यह,
मैंने देखा तेरे चाहने वाले कल शराब पी रहे थे। 🍷👁️
बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ,
कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं। 🤔👁️
इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आँखों में,
जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए। 🌸👁️
नशा जरूरी है ज़िन्दगी के लिए,
पर सिर्फ शराब ही नहीं है बेखुदी के लिए,
किसी की मस्त निगाहों में डूब जाओ,
बड़ा हसीं समंदर है ख़ुदकुशी के लिए। 🌊👀
महकता हुआ जिस्म तेरा गुलाब जैसा है,
नींद के सफर में तू एक ख्वाब जैसा है,
दो घूँट पी लेने दे आंखों के इस प्याले से,
नशा तेरी आंखों का शराब जैसा है। 🌹💤🍷
उठती नहीं है आंख किसी और की तरफ,
पाबन्द कर गयी है किसी की नजर मुझे,
ईमान की तो ये है कि ईमान अब कहाँ,
काफ़िर बना गई तेरी काफ़िर-नज़र मुझे। 😶🌫️👁️
आंखों से वो कत्ल-ए-आम कर रही है,
उनकी आंखें नशे में डूब रही है,
मैं उससे दूर नहीं जा सकता है,
उनकी आंखें मुझे बुला रही हैं। 🔥👁️
मुझे अपनी आंखों में बसा ले,
मुझे तू अपना बना ले,
मैं तेरी आंखों का काजल बनकर रहूंगा,
मुझे तू अपनी आंखों में सजा ले। 🌟👁️
तेरी आंखों को मैं चूम लूं,
तेरे साथ मस्ती में झूम लूं,
तेरी आंखों को देखे बिना मन नहीं भरता,
चाहे कितना भी उन्हें देख लूं। 💋👀
वैसे तो जुबां से चुप रहती है,
पर आंखें बहुत कुछ कहती है,
मुझे देखे बिना वो,
एक पल भी नहीं रहती है। 👁️✨
मैं तेरी आंखों में खो जाता हूं,
उन्हें देखकर मदहोश हो जाता हूं,
फिर मैं उन्हें देखे बिना,
एक दिन भी नहीं रह पाता हूं। 😍
तेरी आंखों में अलग नशा है,
सबसे अलग तेरी अदा है,
देखकर तेरी आंखों को, मेरा ये दिल फिदा है। 💖